Kaun Aaya Mere Man Ke Dware
Manna Dey Lyrics


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आ आ आ आ आ
कौन आया
कौन आया
कौन आया मेरे मन के द्वारे
पायल की झनकार लिए
कौन आया मेरे मन के द्वारे
पायल की झनकार लिए
कौन आया

आँख न जाने दिल पहचाने
आँख न जाने दिल पहचाने
सुरतिया कुछ ऐसी
आँख न जाने दिल पहचाने
सुरतिया कुछ ऐसी
याद करूँ तो याद न आये
मूरतिया ये कैसी
पागल मनवा सोच में डूबा
सपनो का ससार लिए
कौन आया मेरे मन के द्वारे
पायल की झनकार लिए
कौन आया

इक पल सोचु मेरी आशा
रूप बदल कर आयी
इक पल सोचु मेरी आशा
रूप बदल कर आयी
दूजे पल फिर ध्यान ये आये
हो न कही परछाई
जो परदेसी के घर आयी
एक अनोखा प्यार लिए
कौन आया मेरे मन के द्वारे

पायल की झनकार लिए
कौन आया

Overall Meaning

The song "Kaun Aaya Mere Man Ke Dware" sung by Manna Dey is a melodious and soulful composition that expresses a feeling of surprise and anticipation when someone mysterious arrives at the doorstep of the singer's heart. The song begins with the repetition of the phrase "Kaun Aaya" which means "who is this stranger?" The singer asks who has come to his heart's doorstep, with the sound of anklets, indicating that someone unexpected has arrived, bringing with them a new experience.


In the next stanza, the singer says that he cannot recognize the person who has arrived as their appearance and demeanor are so different. Even if he tries to remember, he cannot, as the person who has come is a unique and enigmatic figure. The singer's mind is lost in thoughts of this mysterious arrival and he pictures a world of dreams, with "pagal manwa" (crazy mind) engulfed in a world of fantasies.


In the final stanza, the singer contemplates the arrival of a person who has come to his heart's doorstep, changing their appearance as they entered. This stranger brings with them an unexplained and rare love with them. The anklets' sound and this stranger's arrival bring with them new possibilities, hopes, and aspirations.


Overall, the song suggests that someone has come to the singer's door, bringing with them new experiences, hope, and love, and filling the singer's heart with emotions of awe and wonder.


Line by Line Meaning

आ आ आ आ आ
The sound of footsteps nearing


कौन आया
Who has arrived?


कौन आया मेरे मन के द्वारे
Who came to the door of my heart?


पायल की झनकार लिए
Bringing the sound of anklets


कौन आया
Who came?


आँख न जाने दिल पहचाने
Not recognized by the eyes but the heart knows


सुरतिया कुछ ऐसी
Such a beautiful appearance


याद करूँ तो याद न आये
Cannot remember


मूरतिया ये कैसी
What kind of idol is this?


पागल मनवा सोच में डूबा
My crazy mind is lost in thoughts


सपनो का ससार लिए
Trapped in the world of dreams


इक पल सोचु मेरी आशा
In a moment, my hope changed its form


रूप बदल कर आयी
And appeared in a new form


दूजे पल फिर ध्यान ये आये
But, in the next moment, I was distracted again


हो न कही परछाई
And there was no shadow anywhere


जो परदेसी के घर आयी
She who came to the foreigner's house


एक अनोखा प्यार लिए
Bringing a unique love


कौन आया मेरे मन के द्वारे
Who came to the door of my heart?


पायल की झनकार लिए
Bringing the sound of anklets


कौन आया
Who came?




Lyrics © O/B/O APRA AMCOS
Written by: Madan Mohan, Rajinder Krishnan

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Most interesting comments from YouTube:

@youtubechanel.1664

आठ साल का एक बच्चा 1 रूपये का सिक्का मुट्ठी में लेकर एक दुकान पर जाकर कहा -क्या आपके दुकान में ईश्वर मिलेंगे ?
दुकानदार ने यह बात सुनकर सिक्का नीचे फेंक दिया और बच्चे को निकाल दिया।
बच्चा पास की दुकान में जाकर 1 रूपये का सिक्का लेकर चुपचाप खड़ा रहा!
-- ए लड़के.. 1 रूपये में तुम क्या चाहते हो?
-- मुझे ईश्वर चाहिए। आपके दुकान में है?
दूसरे दुकानदार ने भी भगा दिया।
लेकिन, उस अबोध बालक ने हार नहीं मानी। एक दुकान से दूसरी दुकान, दूसरी से तीसरी, ऐसा करते करते कुल चालीस दुकानों के चक्कर काटने के बाद एक बूढ़े दुकानदार के पास पहुंचा। उस बूढ़े दुकानदार ने पूछा,
-- तुम ईश्वर को क्यों खरीदना चाहते हो? क्या करोगे ईश्वर लेकर?
पहली बार एक दुकानदार के मुंह से यह प्रश्न सुनकर बच्चे के चेहरे पर आशा की किरणें लहराईं सोचने लगा कि लगता है इसी दुकान पर ही ईश्वर मिलेंगे !
बच्चे ने बड़े उत्साह से उत्तर दिया,
-- इस दुनिया में मेरी मां के अलावा मेरा और कोई नहीं है। मेरी मां दिनभर काम करके मेरे लिए खाना लाती है। मेरी मां अब अस्पताल में हैं। अगर मेरी मां मर गई तो मुझे कौन खिलाएगा ? डाक्टर ने कहा है कि अब सिर्फ ईश्वर ही तुम्हारी मां को बचा सकते हैं। क्या आपके दुकान में ईश्वर मिलेंगे?
-- हां, मिलेंगे...! कितने पैसे हैं तुम्हारे पास?
-- सिर्फ एक रूपए।
-- कोई दिक्कत नहीं है। एक रूपए में ही ईश्वर मिल सकते हैं।
दुकानदार बच्चे के हाथ से एक रूपए लेकर उसने पाया कि एक रूपए में एक गिलास पानी के अलावा बेचने के लिए और कुछ भी नहीं है। इसलिए उसने उस बच्चे को फिल्टर से एक गिलास पानी भरकर दिया और कहा कि यह पानी पिलाने से ही तुम्हारी मां ठीक हो जाएगी।
अगले दिन कुछ मेडिकल स्पेशलिस्ट उस अस्पताल में गए। बच्चे की मां का आप्रेशन हुआ। और बहुत जल्द ही वह स्वस्थ हो उठीं।
डिस्चार्ज के कागज़ पर अस्पताल का बिल देखकर उस महिला के होश उड़ गए। डॉक्टर ने उन्हें आश्वासन देकर कहा, "चिन्ता की कोई बात नहीं है। एक वृद्ध सज्जन ने आपके सारे बिल चुका दिए हैं। साथ में एक चिट्ठी भी दी है"।
महिला चिट्ठी खोलकर पढ़ने लगी,उसमें लिखा था-
मुझे धन्यवाद देने की कोई आवश्यकता नहीं है। आपको तो स्वयं ईश्वर ने ही बचाया है ... मैं तो सिर्फ एक ज़रिया हूं। यदि आप धन्यवाद देना ही चाहती हैं तो अपने उस अबोध बच्चे को दिजिए जो सिर्फ एक रूपए लेकर ईश्वर को ढूंढने निकल पड़ा था। उसके मन में यह दृढ़ विश्वास था कि एकमात्र ईश्वर ही आपको बचा सकते है। विश्वास इसी को ही कहते हैं। ईश्वर को ढूंढने के लिए करोड़ों रुपए दान करने की ज़रूरत नहीं होती, यदि मन में अटूट विश्वास हो तो वे एक रूपए में भी मिल सकते हैं।"...
🙏
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@bliss9030

कौन आया
कौन आया
कौन आया मेरे मन के द्वारे
पायल की झनकार लिए
कौन आया मेरे मन के द्वारे
पायल की झनकार लिए
कौन आया

आँख न जाने दिल पहचाने
आँख न जाने दिल पहचाने
सुरतिया कुछ ऐसी
आँख न जाने दिल पहचाने
सुरतिया कुछ ऐसी
याद करूँ तो याद न आये
मूरतिया ये कैसी
पागल मनवा सोच में डूबा
सपनो का ससार लिए
कौन आया मेरे मन के द्वारे
पायल की झनकार लिए
कौन आया

इक पल सोचु मेरी आशा
रूप बदल कर आयी
इक पल सोचु मेरी आशा
रूप बदल कर आयी
दूजे पल फिर ध्यान ये आये
हो न कही परछाई
जो परदेसी के घर आयी
एक अनोखा प्यार लिए
कौन आया मेरे मन के द्वारे
पायल की झनकार लिए
कौन आया



All comments from YouTube:

@ShivamAkshaySingh-wg4oh

My favourite song ❣️

@Sangita_Love_Tips

हजारो महफिले हैं और लाखों मेले हैं,
लेकिन जहाँ तुम नही,
वहाँ हम बिलकुल अकेले हैं ।।

@shivaayjain-3217

Are waah, bahot hi khoobsurat..❤❤🙂😊🥰🥰😘👌👌

@PreetiSingh-qi8pp

Beautiful memories of my friends life i learned ye song ❤❤❤

@manipandya2644

What a beautiful 'SANGAM' of music, singing and lyrics!

@SanJeeVkathaNiyA

Kya baat hai Mera favorite🎉🎉🎉🎉🎉😊😊

@PreetiSingh-qi8pp

Beautiful pictures n beautiful song ❤❤❤

@youtubechanel.1664

आठ साल का एक बच्चा 1 रूपये का सिक्का मुट्ठी में लेकर एक दुकान पर जाकर कहा -क्या आपके दुकान में ईश्वर मिलेंगे ?
दुकानदार ने यह बात सुनकर सिक्का नीचे फेंक दिया और बच्चे को निकाल दिया।
बच्चा पास की दुकान में जाकर 1 रूपये का सिक्का लेकर चुपचाप खड़ा रहा!
-- ए लड़के.. 1 रूपये में तुम क्या चाहते हो?
-- मुझे ईश्वर चाहिए। आपके दुकान में है?
दूसरे दुकानदार ने भी भगा दिया।
लेकिन, उस अबोध बालक ने हार नहीं मानी। एक दुकान से दूसरी दुकान, दूसरी से तीसरी, ऐसा करते करते कुल चालीस दुकानों के चक्कर काटने के बाद एक बूढ़े दुकानदार के पास पहुंचा। उस बूढ़े दुकानदार ने पूछा,
-- तुम ईश्वर को क्यों खरीदना चाहते हो? क्या करोगे ईश्वर लेकर?
पहली बार एक दुकानदार के मुंह से यह प्रश्न सुनकर बच्चे के चेहरे पर आशा की किरणें लहराईं सोचने लगा कि लगता है इसी दुकान पर ही ईश्वर मिलेंगे !
बच्चे ने बड़े उत्साह से उत्तर दिया,
-- इस दुनिया में मेरी मां के अलावा मेरा और कोई नहीं है। मेरी मां दिनभर काम करके मेरे लिए खाना लाती है। मेरी मां अब अस्पताल में हैं। अगर मेरी मां मर गई तो मुझे कौन खिलाएगा ? डाक्टर ने कहा है कि अब सिर्फ ईश्वर ही तुम्हारी मां को बचा सकते हैं। क्या आपके दुकान में ईश्वर मिलेंगे?
-- हां, मिलेंगे...! कितने पैसे हैं तुम्हारे पास?
-- सिर्फ एक रूपए।
-- कोई दिक्कत नहीं है। एक रूपए में ही ईश्वर मिल सकते हैं।
दुकानदार बच्चे के हाथ से एक रूपए लेकर उसने पाया कि एक रूपए में एक गिलास पानी के अलावा बेचने के लिए और कुछ भी नहीं है। इसलिए उसने उस बच्चे को फिल्टर से एक गिलास पानी भरकर दिया और कहा कि यह पानी पिलाने से ही तुम्हारी मां ठीक हो जाएगी।
अगले दिन कुछ मेडिकल स्पेशलिस्ट उस अस्पताल में गए। बच्चे की मां का आप्रेशन हुआ। और बहुत जल्द ही वह स्वस्थ हो उठीं।
डिस्चार्ज के कागज़ पर अस्पताल का बिल देखकर उस महिला के होश उड़ गए। डॉक्टर ने उन्हें आश्वासन देकर कहा, "चिन्ता की कोई बात नहीं है। एक वृद्ध सज्जन ने आपके सारे बिल चुका दिए हैं। साथ में एक चिट्ठी भी दी है"।
महिला चिट्ठी खोलकर पढ़ने लगी,उसमें लिखा था-
मुझे धन्यवाद देने की कोई आवश्यकता नहीं है। आपको तो स्वयं ईश्वर ने ही बचाया है ... मैं तो सिर्फ एक ज़रिया हूं। यदि आप धन्यवाद देना ही चाहती हैं तो अपने उस अबोध बच्चे को दिजिए जो सिर्फ एक रूपए लेकर ईश्वर को ढूंढने निकल पड़ा था। उसके मन में यह दृढ़ विश्वास था कि एकमात्र ईश्वर ही आपको बचा सकते है। विश्वास इसी को ही कहते हैं। ईश्वर को ढूंढने के लिए करोड़ों रुपए दान करने की ज़रूरत नहीं होती, यदि मन में अटूट विश्वास हो तो वे एक रूपए में भी मिल सकते हैं।"...
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@shukurullaakbarov444

000t 4

@haerunsulaimansalam5419

Very very nice video songs lagend classics, Best of the best top,, ❤️💙👍👍

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