Raat Gayi Ho Gaya Sawera
Ravindra Lyrics


रात गयी हो गया सवेरा
रात गयी हो गया सवेरा
पंख पसारे बन पंछी में
तज कर रैन बसेरा
रात गयी रात गयी रात गयी रात गयी

तेरा मन पंछी दुविधा में
गोकुल वधु सुहागन
कही तेरा कर्तव्ये पुकारे
कही तेरे घर आँगन
ऊपर एम्बर में उज्याला
ऊपर अभी अँधेरा
रात गयी हो गया सवेरा रात गयी

एक सवेरा हुआ गगन
एक सवेरा मन में
सत्ये दूसरा नहीं कही भी
जगत और जीवन में
शायद कल पथ पर आ जाये जीवन साथी तेरा
रात गयी हो गया सवेरा
रात गयी हो गया सवेरा
पंख पसारे बन पंछी में
तज कर रैन बसेरा
रात गयी रात गयी रात गयी रात गयी

जिस के मन में सताय करे घर
सूरज उसे जगाए
सूरज जिसे जगाये उसी को सुभा रह दिखलाये
मुँह न सताय से मोड़ तोड रेय
अंधकार का घेरा
रात गयी हो गया सवेरा
रात गयी रात गयी रात गयी रात गयी रात गयी


Lyrics © O/B/O APRA AMCOS
Written by: Pandit Narendra Sharma

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